प्रवाह
Wednesday, July 28, 2010
दिल तो बच्चा है जी.
मंजिलो की ख्वाहिश में निकला था घर से, कमबख्त रास्तो से दिल लगा बैठा .
होसला
कदम जैसे ही बढाए मैंने होसलो के साथ , मंजिले खुद मुझे तलाशने लगी ।
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