Thursday, July 21, 2011

मुझे भूल न जाना

उसने पके बालो को कानो के पीछे करते हुए पूछा
"क्या आज भी मुझे याद करते हो ?
मैंने झट कुर्ते कि जेब से एक डिबिया निकाल कर उड़ेल
दी उसके सामने। जिसमे थे कुछ कांच कि चूड़ियों के टुकड़े , एक नीली बिन्दी और
कागज़ की परची जिस पर लिखा था
"मुझे भूल न जाना ।"