प्रवाह
Saturday, February 8, 2014
हथेलियाँ
कुछ शहर अलग कुछ डगर अलग
कुछ रीति अलग कुछ रिवाज़ अलग
कुछ गलिया अलग कुछ मोहल्ले अलग
कुछ तौर अलग कुछ तरीके अलग
’
पर एक चीज़ हमेशा एक सी हर जगह
’
मंदिर के अन्दर लम्बवत और मंदिर के बाहर क्षेतीज हथेलियाँ !
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