मंजिलो की ख्वाहिश में निकला था घर से, कमबख्त रास्तो से दिल लगा बैठा . होसला अब भी है मंजिलो को पाने का, मगर रास्तो को लांघने का साहस अब न बचा | जैसे जैसे मंजिलो के पास जा रहे है वैसे ही दिल डूब रहा रास्तो के बिछड़ने से, अकेला आज भी जिंदगी की जद में हु , बस रास्तो ने सहारा दिया , अब मंजिलो के करीब जाकर भी अकेला, दिल बेचारा रास्तो के दर्मिया रह गया | निकले थे कुछ ख्वाब लेकर मंजिलो की तलाश में, आज मंजिल सामने है पर खुशिया काफूर है , गम आज भी रास्तो से बिछड़ने का है , गर यही है मेरी मंजिल ,तो ऐ मेरे खुदा , रास्तो को भी साथ रहने दे तु मेरे क्योकि दिल तो मेरा आज भी उन्ही की क़ैद में है |
मंजिलो की ख्वाहिश में निकला था घर से, कमबख्त रास्तो से दिल लगा बैठा .
ReplyDeleteहोसला अब भी है मंजिलो को पाने का, मगर रास्तो को लांघने का साहस अब न बचा |
जैसे जैसे मंजिलो के पास जा रहे है वैसे ही दिल डूब रहा रास्तो के बिछड़ने से,
अकेला आज भी जिंदगी की जद में हु , बस रास्तो ने सहारा दिया ,
अब मंजिलो के करीब जाकर भी अकेला, दिल बेचारा रास्तो के दर्मिया रह गया |
निकले थे कुछ ख्वाब लेकर मंजिलो की तलाश में, आज मंजिल सामने है पर खुशिया काफूर है ,
गम आज भी रास्तो से बिछड़ने का है ,
गर यही है मेरी मंजिल ,तो ऐ मेरे खुदा , रास्तो को भी साथ रहने दे तु मेरे क्योकि दिल तो मेरा आज भी उन्ही की क़ैद में है |