प्रवाह
Thursday, September 30, 2010
खलिश
खलिश इस बात कि नहीं कि उसे ज़िन्दगी में नहीं पाया ,
कसक इस बात कि है वो कुछ लम्हों के लिए ज़िन्दगी में क्यों आया ?
Monday, September 13, 2010
ख्वाहिशे
यो तो ज़िन्दगी में कई ख्वाहिशे है, पर जो सबसे खूबसूरत है उसका नाम तुम हो .
Saturday, September 11, 2010
मुलाकात
खुद को बनाए रखने में कुछ इस तरह उलझे है आजकल,
कि खुद से मुलाकात किये अरसा बीत गया .
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