Tuesday, January 14, 2014

अब तो बंद भी कर दो रेत पर मेरा नाम लिखना

अब तो बंद भी कर दो रेत पर मेरा नाम लिखना. तुम सोचती हो लहरे आकर मिटा ही तो देगी कुछ देर बाद. लेकिन ऐसा नहीं है वो लहरे अपने साथ ले जाती है मेरे नाम की छाप और बन कर बादल जब बरसती है मेरे शहर में तो हर एक बूँद से तुम मेरा नाम पुकारती सुनाई देती हो. मै पागल सा हो जाता हु अक्सर ऐसी बारिशो में. इसलिए कहता हु अब तो बंद भी कर दो रेत पर मेरा नाम लिखना. 

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